बीजापुर, 23 नवंबर 2024। कलेक्टर संबित मिश्रा के निर्देशन में महिला एवं बाल विकास विभाग और श्रम विभाग के संयुक्त तत्वावधान में बाल अधिकार और कल्याण के लिए रेस्क्यू अभियान संचालित किया जा रहा है। इस अभियान के तहत जिले में छोटे-बड़े प्रतिष्ठानों, ढाबों, उद्योगों, होटलों, दुकानों, संगठित और असंगठित क्षेत्रों जैसे खदानों, निर्माण स्थलों, ईंट भट्टों, ऑटोमोबाइल वर्कशॉप, कूड़ा बिनने वाले स्क्रैप बाजार, मैकेनिक दुकानों और अन्य बाल श्रम प्रवण स्थानों पर बच्चों को श्रम से मुक्त कर शिक्षा और कौशल से जोड़ने का प्रयास किया जा रहा है।
भोपालपट्टनम विकासखंड में सभी वार्डों और नगरीय क्षेत्र की दुकानों का दौरा कर, गांव और सड़क पर रहने वाले बच्चों, अपशिष्ट संग्रहकर्ताओं, भिक्षावृत्ति में लिप्त बच्चों और बाल श्रम में लगे बच्चों का चिन्हांकन किया जा रहा है। साथ ही, बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ अभियान के तहत सघन जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है।
अभियान के दौरान नागरिकों को लैंगिक अपराधों से संरक्षण अधिनियम, बाल संरक्षण अधिनियम और बाल विवाह रोकथाम की जानकारी दी जा रही है। बच्चों को नशे से दूर रखने और बाल संरक्षण के महत्व को समझाने के लिए विशेष प्रयास किए जा रहे हैं। साथ ही, चाइल्ड हेल्पलाइन 1098 और महिला हेल्पलाइन 181 के बारे में भी जागरूक किया जा रहा है।
साइबर क्राइम और “एक युद्ध नशे के विरुद्ध” अभियान के तहत बच्चों और नागरिकों को शिक्षित किया जा रहा है। बाल श्रम अधिनियम के तहत 14 वर्ष से कम उम्र के बच्चों को किसी भी प्रकार के श्रम से निकालकर उन्हें शिक्षा प्रदान करने पर जोर दिया गया है। बाल एवं किशोर श्रम (प्रतिषेध एवं विनियमन) अधिनियम, 1986 (संशोधित अधिनियम 2016) के तहत 14 वर्ष से कम उम्र के बच्चों से श्रम करवाने पर छह माह से तीन वर्ष तक की जेल, 20 हजार से 50 हजार रुपये तक का जुर्माना या दोनों का प्रावधान है।
अभियान के प्रचार-प्रसार में आनंदमई मल्लिक (विधिक सह पर्यवेक्षक अधिकारी), गोपाल पटेल (कल्याण श्रम अधिकारी), संदीप चिड़े (सामाजिक कार्यकर्ता), राजेश मडे (आउटरीच वर्कर), और श्रम विभाग के धानेश्वर साहू (श्रम निरीक्षक) व आशीष बेल्लनपल्ली (ऑपरेटर) ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।