बीजापुर, छत्तीसगढ़।
शिक्षा की अलख जगाने और बच्चों को स्कूलों की ओर वापस लाने के उद्देश्य से बीजापुर जिला प्रशासन द्वारा शुरू की गई अनूठी योजना ‘स्कूल वेंडे वर्राटु’ (स्कूल फिर चलें) ने राष्ट्रीय स्तर पर अपनी पहचान बनाई है। इस योजना को प्रतिष्ठित स्कॉच अवार्ड 2024 के तहत सिल्वर अवार्ड से सम्मानित किया गया है। यह उपलब्धि न केवल बीजापुर बल्कि समूचे छत्तीसगढ़ के लिए गर्व का विषय है।
मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने इस अवसर पर सोशल मीडिया के सर्वाधिक प्रभावशाली मंच X पर योजना की सराहना करते हुए लिखा, “बीजापुर में शिक्षा के क्षेत्र में शुरू किए गए विशेष अभियान ‘स्कूल वेंडे वर्राटु पंडुम’ को राष्ट्रीय स्तर पर सराहा गया। स्कॉच अवार्ड के तहत सिल्वर अवार्ड से सम्मानित किया गया है। जिला प्रशासन को मेरी ओर से शुभकामनाएं।”
इस योजना के तहत पिछले 20 वर्षों से बंद पड़े 28 स्कूलों को पुनः शुरू किया गया इसके अलावा 30 नए स्कूल भी खोले गए । वामपंथी उग्रवाद से प्रभावित इलाकों में शिक्षा के प्रति जागरूकता लाने और बच्चों को मुख्यधारा में वापस लाने का यह प्रयास बेहद सफल रहा। इस पहल ने न केवल क्षेत्र में शिक्षा का स्तर सुधारा है बल्कि सामाजिक बदलाव की भी नई इबारत लिखी है।
योजना के तहत बीजापुर जिले के 550 गांवों में लगभग 4,000 छात्रों को स्कूल वापस लाने में सफलता प्राप्त की गई। इसके साथ ही 6,000 से अधिक छात्रों को अतिरिक्त पढ़ाई के अवसर और 7,000 बच्चों को शिक्षा से जोड़ा गया।

स्कॉच अवार्ड और बीजापुर जिला प्रशासन की सफलता
स्कॉच अवार्ड भारत में प्रशासनिक सुधार, सामाजिक विकास और नवाचारों को पहचानने और प्रोत्साहन देने के लिए दिए जाते हैं।
1. राष्ट्रीय मान्यता: यह अवार्ड उत्कृष्ट कार्यों को राष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाता है।
2. प्रेरणा: यह अन्य जिलों और संस्थाओं को समाज के लिए नवाचारी पहल शुरू करने के लिए प्रेरित करता है।
3. सुधार और नवाचार: इसे प्राप्त करने वाली योजनाएं नीति निर्माण और बेहतर सेवा प्रदान करने में मददगार साबित होती हैं।
स्कॉच ग्रुप द्वारा दिए जाने वाले ये पुरस्कार उन योजनाओं को मान्यता देते हैं, जो समाज के कमजोर वर्गों की बेहतरी में योगदान देती हैं।
बीजापुर जिला प्रशासन ने इस पहल से यह साबित कर दिया है कि चुनौतियों के बावजूद शिक्षा और विकास को प्राथमिकता देकर बड़े बदलाव संभव हैं। जिला प्रशासन की यह पहल न केवल प्रेरणादायक है बल्कि अन्य जिलों के लिए एक उदाहरण भी प्रस्तुत करती है। बीजापुर के ‘स्कूल वेंडे वर्राटु’ अभियान की यह सफलता शिक्षा के क्षेत्र में नए अध्याय लिख रही है। यह राष्ट्रीय सम्मान पूरे छत्तीसगढ़ के लिए गर्व का विषय है और आगे भी प्रेरणा का स्रोत बनेगा।
तत्कालीन कलेक्टर अनुराग पांडे ने इस अभियान की सफलता का श्रेय मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के मार्गदर्शन, जनप्रतिनिधियों के सहयोग, अभियान से जुड़े शिक्षकों, पंचायत और पुलिस के अधिकारियों, कर्मचारियों की मेहनत को दिया है ।