महाराष्ट्र के गढ़चिरौली विधानसभा चुनाव में भाजपा ने अपनी मजबूत संगठन क्षमता और प्रभावशाली नेतृत्व के दम पर ऐतिहासिक जीत दर्ज की है। भाजपा प्रत्याशी मिलिंद रामजी नरोटे ने अपने प्रतिद्वंदी को भारी मतों से हराते हुए इस सीट पर पार्टी का परचम लहराया।
इस जीत का श्रेय गढ़चिरौली जिला समन्वयक और बस्तर प्रभारी जी. वेंकट को जाता है, जिन्होंने इस चुनाव को जीतने के लिए दिन-रात मेहनत की थी। वेंकट ने डोर-टू-डोर जनसंपर्क अभियान और नुक्कड़ सभाओं के माध्यम से केंद्र सरकार की योजनाओं को जनता तक पहुंचाया और उन्हें भाजपा के समर्थन में संगठित किया, फलस्वरूप इस विधानसभा में भाजपा के प्रत्याशी मिलिंद रामजी की जीत हुई है ।

गढ़चिरौली में वेंकट ने हर वर्ग—चाहे मातृशक्ति हो या युवाशक्ति—से संवाद स्थापित किया। उन्होंने चुनावी रणनीति तय करते हुए पार्टी कार्यकर्ताओं और आम जनता को भाजपा के पक्ष में लामबंद किया। उनका नेतृत्व और प्रचार-प्रसार इस जीत के महत्वपूर्ण कारक रहे।
जहां वेंकट वहां जीत
वेंकट का यह पहला शानदार प्रदर्शन नहीं है। पिछले विधानसभा चुनाव में उनके नेतृत्व में बस्तर के जगदलपुर और चित्रकोट सीटों पर भाजपा को बड़ी जीत हासिल हुई थी। लोकसभा चुनाव में भी भाजपा को भारी मतों से जीत दिलाने में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका रही। बीजापुर में जिलाध्यक्ष रहते हुए उन्होंने त्रिस्तरीय पंचायत, नगर पालिका और विधानसभा चुनावों में पार्टी को लगातार जीत दिलाई थी । बीते विधानसभा चुनाव में वेंकट पर कवर्धा सीट का दारोमदार था, जीत ऐतिहासिक साबित हुई । वेंकट के राजनीतिक पृष्ठभूमि पर सरसरी निगाह डालते हुए यह कहा जाना चाहिए कि इस व्यक्ति में चुनाव जिताने की गज़ब की काबिलियत है । मिलनसार व्यक्तित्व जहां अजनबियों में भी अपनेपन का भाव जगाया करता है वहीं संगठन के प्रति जिम्मेदारी की गंभीरता अधीनस्थ कार्यकर्ताओं को उत्साहित करती है, पैनी और पारखी नज़र से गैरजिम्मेदार बच नहीं पाते और जहां सख़्त होना हो पूरी सख़्ती के साथ काम करने में कुशल ।

जी. वेंकट की रणनीतिक सोच और जमीनी पकड़ ने उन्हें भाजपा में एक अमूल्य नेतृत्वकर्ता बना दिया है। पार्टी नेतृत्व और कार्यकर्ताओं के प्रशंसक और समर्थक खेमे बीच उनका नाम अब जीत की गारंटी के रूप में लिया जाता है। अब जी वेंकट के समर्थक और नतीजे कहते नहीं थकते हैं कि “जब भी कमान संभालते हैं, जीत को सुनिश्चित कर देते हैं।” एक तरफ जहां गढ़चिरौली में मिली इस ऐतिहासिक जीत ने क्षेत्रीय भाजपा खेमे के हौसले बुलंद कर दिए हैं वहीं महाराष्ट्र में भाजपा की जीत ने पार्टी के लिए महाराष्ट्र में एक नई ऊर्जा का संचार किया है।